कई दफा मॉल में यूं ही विंडो शॉपिंग कर लेता हूँ,इसी वक़्त मेंआराम सा है आजकल,जब से वार्डरोब में बंद क... कई दफा मॉल में यूं ही विंडो शॉपिंग कर लेता हूँ,इसी वक़्त मेंआराम सा है आजकल,जब स...
ये कविता कवि को अपने उन पुराने यादों में ले जाती जिसमें वो अपने आस पास पुरानी चीजों में अपने अतीत के... ये कविता कवि को अपने उन पुराने यादों में ले जाती जिसमें वो अपने आस पास पुरानी ची...
बेवजह की चिंता छोड़कर, बुढ़ापे का मज़ा लीजिये। बेवजह की चिंता छोड़कर, बुढ़ापे का मज़ा लीजिये।
आखिर क्यों ? आखिर क्यों ?
क्या करता हूँ मैं अपने अंदर के खालीपन के साथ ? जानने के लिए पढ़िए यह कविता...। क्या करता हूँ मैं अपने अंदर के खालीपन के साथ ? जानने के लिए पढ़िए यह कविता...।
पुरानी किताबों के पन्नों - सी थी तुम...। पुरानी किताबों के पन्नों - सी थी तुम...।